हमारी माता




जिसे अपना सन्ह दिया 

उस ही ने आज कटा है। 

जिसे इतना प्यार किया 

वही आँखे दिखता है। 


जो आजतक न सहा 

वो तू आज सहती है। 

जो आजतक न सोचा 

वो सब यह जंता करती है। 


तू जन्म से पवित्र थी 

तू आज भी पवित्र है। 

जो कलंक तुझपे लगते है 

वो मानवता पर कलंक है। 


नज़र नज़र का खेल है यारो 

नज़रे ये अपनी बदलके देखो। 

आज यह नज़ारे बदलेंगी 

तोह कल माता स्वच्छ दिखेंगी। 


~ हेमांग करगेती 

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