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पहेली
पहेली
इस चाँद की यह चाँदनी,
क्यों इतनी मेहरबान है?
इन बादलों की यह बूंदे,
क्यों हर घडी परेशान है?
इन रास्तो के यह राही,
क्यों अंत से अनजान है?
यह चाहतों की कश्तियाँ,
क्यों इतनी बदनाम है?
इस जीवन की यह पहेलियाँ,
क्यों समझ के पार है ?
~हेमांग करगेती
Bhott ache💯💯
ReplyDeleteBeautiful poem 💐🙂
ReplyDeleteWow so beautiful
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