दिल कहीं और जा रहा है
बैठा यही पर देखा
समा गा रहा है
पर यह दिल कहीं
और जा रहा है
उस पहाड़ पर
चला जा रहा है
इस सागर म कहीं
गोते लगा रहा है
यह दिल कहीं और जा रहा है।
खली सड़क मे गाड़ी
चला रहा है।
बंद कमरों मे बस
यू ही गुनगुना रहा है
यह दिल कहीं और जा रहा है।
जो दूर है उनकी यादें
जुटा रहा है
जो पास है उन्हें
पास बुला रहा है
यह दिल कही और जा रहा है
~ हेमांग करगेती
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